तीन कोने का होता है, सबके मन को भाता है | कालेज के टाइम में ,भूख की जरुरत बन जाता है | खर्चा ज्यादा और नहीं , पांच रुपये में मिल जाता है | चाहें चाय हो या कोल्ड्रिंक ,दोनों संग ये भाता है | छोटा शहर हो या बड़ा शहर ,आसानी से मिल जाता है | मीठी चटनी घरवाली है , खट्टी चटनी तो शाली है | ले आओ घर में इसको तो ,बच्चों में दिखती खुशहाली है | ये तो देशी डोसा है, जिसका नाम समोसा है | ये तो देशी डोसा है ,जिसका नाम समोसा है | Poem on Samosa #