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अकेले 🚶(मन का अकेलापन) मैं, मैं अकेले ही चली आ रह

अकेले 🚶(मन का अकेलापन)
मैं, मैं अकेले ही चली आ रही हूं सदियों से,
मैं अकेले ही चली जाऊंगी इस जहां से भी।

मेरे महबूब, तुझे तेरी हर अदा मुबारक हो,
तेरा मिज़ाज, तेरीे बात, तेरी मसरूफियत मुबारक हो।

मैं जीती आ रही हूं तनहाईयों में,
मैं जीती ही रहूंगी तनहाईयों में।

 हर दफा छोड़ा है तुमने मुझे, मझधार में,
फिर क्या नई बात है, आज की इस बात में।

जितना सताना है सता ले ऐ जिंदगी,
हम भी डटे रहेंगे, जब तक मौत नहीं आती।

बंजारों से भटक रहे हैैं जिंदगी के काफिले,
एक उम्मीद, जरा आस और बहुत जान अभी बाकी है।।

(महबूब= chance & luck 
success, satisfaction,
contentment) अकेले 🚶(मन का अकेलापन)
मैं, मैं अकेले ही चली आ रही हूं सदियों से,
मैं अकेले ही चली जाऊंगी इस जहां से भी।

मेरे महबूब, तुझे तेरी हर अदा मुबारक हो,
तेरा मिज़ाज, तेरीे बात, तेरी मसरूफियत मुबारक हो।

मैं जीती आ रही हूं तनहाईयों में,
अकेले 🚶(मन का अकेलापन)
मैं, मैं अकेले ही चली आ रही हूं सदियों से,
मैं अकेले ही चली जाऊंगी इस जहां से भी।

मेरे महबूब, तुझे तेरी हर अदा मुबारक हो,
तेरा मिज़ाज, तेरीे बात, तेरी मसरूफियत मुबारक हो।

मैं जीती आ रही हूं तनहाईयों में,
मैं जीती ही रहूंगी तनहाईयों में।

 हर दफा छोड़ा है तुमने मुझे, मझधार में,
फिर क्या नई बात है, आज की इस बात में।

जितना सताना है सता ले ऐ जिंदगी,
हम भी डटे रहेंगे, जब तक मौत नहीं आती।

बंजारों से भटक रहे हैैं जिंदगी के काफिले,
एक उम्मीद, जरा आस और बहुत जान अभी बाकी है।।

(महबूब= chance & luck 
success, satisfaction,
contentment) अकेले 🚶(मन का अकेलापन)
मैं, मैं अकेले ही चली आ रही हूं सदियों से,
मैं अकेले ही चली जाऊंगी इस जहां से भी।

मेरे महबूब, तुझे तेरी हर अदा मुबारक हो,
तेरा मिज़ाज, तेरीे बात, तेरी मसरूफियत मुबारक हो।

मैं जीती आ रही हूं तनहाईयों में,