लोगों को खुश रखते रखते, खुद खुश रहना भूल गये हैँ, आशाएं पूरा करते करते, खुद की आशा भूल गये हैँ। 'शुभ' तेरी अति परवाही यूँ तो सबको भाती है, पर ये परवाह लेने वाले, तेरी परवाह भूल गये हैँ। ©Shubham Saxena लोगों को खुश रखते रखते,खुद खुश रहना भूल गये हैँ, आशाएं पूरा करते करते, खुद की आशा भूल गये हैँ। शुभ तेरी अति परवाही यूँ तो सबको भाती है, पर ये परवाह लेने वाले तेरी परवाह भूल गये हैँ। शुभम सक्सेना 'शुभ'