#रूठी हुई हूँ तुमसे# रूठी हुई हूँ तुमसे मनाते क्यों नहीं हो!!! दिल की बात दिल को समझाते क्यों नहीं हो!!! तुम तो सब समझते थे न मेरी दिल की बातो को अब इस दिल को कुछ समझाते क्यों नहीं हो!!! चाहे मार भी लेना,चाहे डाटं भी लेना!!! मगर इस दिल को अपने दिल की बात भी देना!!! जब तक तुम कुछ बोलते नहीं हो!!! बडा अजीब सा लगता है!!! दिल क्यों ना जाने फकीर सा लगता है!!! आज भी तुम्हारे बिना रह नहीं सकती!!! मेरी भी कुछ मजबुरीयां हैं!!! इसलिये कुछ कह नही सकती!!! कि तुझे अपने प्यार का मतलब बताऊँ गी।।। और तेरे ही कंधे में ही सर रखकर अपना हक जताऊँ गी। कि तुझे एक दिन अपने दिल की सारी बात बताऊगी। और तेरे ही सीने मे सर रखकर हमेशा के लिए सो जाऊँ गी। #Subodh #रूठी हुई हूँ तुमसे #Poem #dilsdiltak