आज बूझे तो क्या हुआ? कल सैलाबो से लड़ना है, लाख़ बत्तियां ख़ाक मिटेंगी, तुम्हे अंत तक जलना है। अरे अभी तो और चलना है, मंझिल को पग पर करना है, फूलों की शैय्या को छोड़, कांटो के पथ पे मरना है। काले बादल गरजेंगे ही, तुम्हें सिर्फ बरसना है, अभी तो बहोत कुछ करना है, थोड़ी और दूर चलना है। #dharmuvach✍🏻 #इंस्पायरिंग #इंस्पायरिंग_विचार #inspirationalquotes #वीररसकीकविता #वीररस #dharmuvach