किस तरह का दान है ये, मैं समझ ना पायी, बाबा ने दी मोटर गाड़ी, ज़मीन भी हुई उनकी पराई, सोने के दिये थे जेवर, माँग बड़ी तो, हर माँग कि, की भरपाई, हाथ तो खाली हो गया था, अब बाबा ने दान की अपनी परछाई, कल तक जो टुकड़ा थी दिल के उनका, आज वो बेटी हुई परायी, कैसा दान है ये, मैं अब तलक ना समझ पायी। insta id |@chand_ki_kalam ©Chandani pathak #kanyadaan