अब लहरें ही जानें, अपने बवंडर में डूबा देगी मुझको या किनारे तक पहुंचाएगी। इन लहरों के बीच में महज़ कागज़ की कस्ती है, ये इश्क़ मेरा।। अब गोते खाते हुए बढ़ पाएगी आगे ये सवाल मुझे थोड़ा सा बेचैन कर रहा। खुद को संभाल पाऊंगी मैं या तिनके की तरह बिखर जाऊंगी, न जाने क्या होगा हश्र मेरा? चलो आजमाते है आज खुद को, इन मंचली लहरों में फ़ना करके। हकीक़त से वाकिफ तो करवाएगी मुझे, कहता है ये दिल मेरा।। #kasti #hakikat #lahro_ka_bavandar #nojotoquotes