कोन हु में ?? तुम कह देना कोई खास नही.. एक दोस्त है पक्का कच्चा सा, एक झूठ है आधा सच्चा सा। जज्बात से ढके एक पर्दा है, एक बहाना है अच्छा सा.. जीवन का ऐसा साथ है जो, पास होकर भी पास नही। कोई तुमसे पूछे कोन हु में ?? तुम कह देना कोई खास नही.. एक साथी जो अनकही सी, बातें कह जाता है.. यादों में जिसका धुंधला सा, एक चेहरा रह जाता है। यु तो उसके ना होने का, मुझको कोई गम नही.. पर कभी कभी वो आंखों से, आँसू बन के बह जाता है। यू रहता तो मेरे जहन में है, पर नज़रो को उसकी तलाश नही, कोई तुमसे पूछे कोन हु में ?? तुम कह देना कोई खास नही.. साथ बन के जो रहता है, वो दर्द बाँटता जाता है, भूलना तो चाहू उसको पर, वो यादों में छा जाता है.. अकेला महसूस करू कभी जो, सपनो में आ जाता है। मै साथ खड़ा हूँ सदा तुम्हारे, कहकर साहस दे जाता है.. ऐसे ही रहता है साथ मेरे की, उसकी मौजूदगी का आभास नही.. कोई तुमसे पूछे कोन हु में ?? तुम कह देना कोई खास नही.. #Gulzar_Sahab