#लगाओ आज फिर से शायरी की महफ़िल#जनाब #आज फिर हमारे दिल का दिमाग़ ख़राब है#✍️ #महफ़िल में गले मिल के,वो धीरे से कह गई# #ये दुनिया की रस्म है,इसे मोहब्बत ना समझ लेना#✍️ #मेरा मीलों का सफ़र यूँही बर्बाद हो गया# #जब अपनो ने कहा,कहो कैसे आना हुआ#✍️ #जाते हुए उसने सिर्फ इतना कहा मुझसे..ओ पागल, अपनी ज़िंदगी जी लेना,वैसे प्यार अच्छा करते हो#✍️ मेरे यार तूने ही तो कहा था होता है तो होने दो मेरे कत्ल का सौदा, मुझे भी तो पता चले बज़ार में हमारी क़ीमत क्या है✍️ अपने शादाब हसीन चेहरे पे मग़रूर ना हो ज़र्द चेहरों पे जो लिखे हैं सवालात समझ✍️ तेरे ही किस्से, तेरी ही कहानियां, मिलेंगी मुझ में,, ना जाने किस-किस अदा से, अब तू आबाद है मुझ में ✍️ #वहम से भी अक्सर खत्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते,# #कसूर हर बार गल्तियों का नही होता#✍️ लगता है आज ज़िन्दगी ...मुझसे खफा है... ..................... चलिए छोड़िए ये कोनसा पहली दफा है..✍️ ©Bhupendra Singh #wetogether