एक होती थी रफ कॉपी और एक होती थी टेस्ट कॉपी .. किसी स्केल के दो छोर होतीं थी ये दो कॉपियाँ .. लेकिन राज़दार होतीं थी दोनों ही कॉपियाँ.. रफ कॉपी के हर पन्ने की अपनी ही कहानी होती थी , और हर कहानी में होते थे अनगिनत राज .. टेस्ट कॉपी का हर पन्ना रक्तरंजित लाल स्याही की जुबानी होती थी, राज़ तो इस टेस्ट कॉपी में भी होते थे। दरअसल यह पूरी की पूरी कॉपी ही राज़ होती थी। राज़ न पचाने की कमजोरी सिर्फ रिपोर्ट कार्ड में हुआ करती थी, जो साल भर से सहेज कर रखे रफ़ कॉपी और टेस्ट कॉपी के राज़ भी खोलकर रख देता था । ज़िन्दगी के तकरीबन आधे रिपोर्ट कार्ड देख चुकने के बाद दोनों ही कॉपियाँ बहुत याद आतीं हैं जब कि ज़िन्दगी का हर नया दिन टेस्ट कॉपी के किसी सरप्राइज टेस्ट सा है और ऐसे बेहिसाब टेस्ट पेपर्स के बोझ तले रफ़ कॉपी में लिखी सारी ख्वाहिशें कहीं दब सी गईं हैं । बाबजूद हर परेशानी के, किसी के लिए रफ़ कॉपी सा बन जाना ही खुश रहने के लिए काफी है। #रफ_कॉपी #टेस्ट_कॉपी #रिपोर्ट_कार्ड #yqdidi #randomthoughts #midlife