कागज़ का एक टुकड़ा हु मैं, आ, मुझमे अपने आंसू भर दे। एक लेख जो अधूरा था छोड़ा, आज उसको भी पूरा कर दे। तेरे सीने में दफनाए, जो राज़ है कबसे छुपाए, आ , उसको भी खाली कर दे, तेरे दिल को थोड़ा दम दे, मैं कोरा ही सही हु, पर शमशान सा भी हु। बातों के मुर्दे है कबसे गड़े, एक कब्र तू भी, आ भरदे। जो दर्द है कबसे पाले, आ आधी आधी हम बाटे हमराज़ मुझे बनाले, रोएंगे संग में, मिलके। ऐ हमदम मेरे, तू मेरी सुन हमराही कलम ,से बातें बून। कागज़ का एक टुकड़ा हु मैं, शब्दो से मुझको भी रौशन कर दे। -आ मुझमे अपने आंसू भरदे- #yqbaba #yqdidi #paper #bestof2017yq #bestofyourquotes#bestofyourquotepoetry