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तेरे प्यार में आखिर क्यूँ यार, तेरी बातों में घूम

तेरे प्यार में  आखिर क्यूँ यार,
तेरी बातों में घूमती तेरी शायरी हीं नजर आती है
जब भी आती है याद तो महज,
शायरी हीं नजर आती है
बिक जाती हूँ हसरतों के दाग मिटाते-मिटाते
और इसी सोच में सुबह हो जाती है
क्या हो यार क्या हो गए हो तुम
पहले तो कभी ऐसे नज़र आया नहीं करते थे
अबतो, तेरी बातों में घूमती तेरी शायरी हैं नज़र आती है।
याद करूँ फरियाद करूँ मैं तेरे लिए
बता ना यार, कौन-सा गुनाह इब करूँ मैं तेरे लिए
किसे पकड़ूँ किसे छोड़ू कुछ भी समझ नहीं आता है,
इक तुझसे मिलने के बाद
पहले तो ऐसा नहीं था, कहीं
बदल तो नहीं गई इब तुझसे मिलने के बाद
यार छोड़ ना, बता तूँ कैसा है.....😔
आखिर क्यूँ यार,
तेरी बातों में घूमती तेरी शायरी हीं नजर आती है।
तेरे प्यार में  आखिर क्यूँ यार,
तेरी बातों में घूमती तेरी शायरी हीं नजर आती है
जब भी आती है याद तो महज,
शायरी हीं नजर आती है
बिक जाती हूँ हसरतों के दाग मिटाते-मिटाते
और इसी सोच में सुबह हो जाती है
क्या हो यार क्या हो गए हो तुम
पहले तो कभी ऐसे नज़र आया नहीं करते थे
अबतो, तेरी बातों में घूमती तेरी शायरी हैं नज़र आती है।
याद करूँ फरियाद करूँ मैं तेरे लिए
बता ना यार, कौन-सा गुनाह इब करूँ मैं तेरे लिए
किसे पकड़ूँ किसे छोड़ू कुछ भी समझ नहीं आता है,
इक तुझसे मिलने के बाद
पहले तो ऐसा नहीं था, कहीं
बदल तो नहीं गई इब तुझसे मिलने के बाद
यार छोड़ ना, बता तूँ कैसा है.....😔
आखिर क्यूँ यार,
तेरी बातों में घूमती तेरी शायरी हीं नजर आती है।