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जब रातें तुम्हें डराने लगें तन्हाइयां सताने लगें

जब रातें तुम्हें डराने लगें 
तन्हाइयां सताने लगें 
वीरानियां जब छा जाए
यादें जब रुलाने लगें
तुम लौट के वापस आ जाना.....!
जब खालीपन खलने लगे 
और मन चीत्कार भरने लगे,
जब जाए छोड़ के वो तुमको 
दिल के टुकड़े होने लगे
तुम लौट के वापस आ जाना....!
जब कोई न हो सुनने वाला 
आंखों को पढ़ने वाला,
कांधे पे हाथ रखने वाला
साथ तेरे चलने वाला 
तुम लौट के वापस आ जाना....!
मैं राह तुम्हारी देखूंगी 
तू आएगा जब भी पास मेरे 
मैं साथ तेरे ही चल दूंगी 
बस अपना हाथ बढ़ा कर के 
तू मेरा हाथ थाम लेना,
तुम लौट के वापस आ जाना....!
तुम लौट के वापस आ जाना......!!

©Anita Raj
  #SittingAlone

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