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मेरी कलम में इतनी ताकत नही की कर सकु तेरी बढ़ाई ,

मेरी कलम में इतनी ताकत नही 
की कर सकु तेरी बढ़ाई ,
लिखना शुरू करु तो स्याही और कागज़  
सारे  कम है इस जहान के ,
 जज़्बात  इतने है  के नही 
समाँ सकती  इन्हें  अल्फाजों में ,
क्योंकि,
माँ की ममता और प्यार की तुलना किसी से
 भी नही की जा सकती हैं।
       

              *कृतिका* #mothersday❣️
मेरी कलम में इतनी ताकत नही 
की कर सकु तेरी बढ़ाई ,
लिखना शुरू करु तो स्याही और कागज़  
सारे  कम है इस जहान के ,
 जज़्बात  इतने है  के नही 
समाँ सकती  इन्हें  अल्फाजों में ,
क्योंकि,
माँ की ममता और प्यार की तुलना किसी से
 भी नही की जा सकती हैं।
       

              *कृतिका* #mothersday❣️
kratika9867

kritika

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