न सूट न सलवार, न बुरखे को कोसा है, इंसान में छिपे हैवानो ने ही, इंसानियत का गला घोंटा है, क्या दोष हमारे कपड़ो का,. जब सोच लोगो की छोटी है, महान हमारे देश में बेटियों की, रक्षा इस प्रकार होती है...? कितनी बहनो, कितनी बच्चियों की आवाज़ इन्होने दबायी है, कितने दरिंदो की दरिंदगी के, कारण कितनी बेटियों ने अपनी जान गवाई है, देगा कौन हिसाब इसका, जो हर दिन ऐसी घटना घटती है, किस पर करें विश्वास यहां, यहां तो हर आवाज़ पैसो में बिकती है, महान देश में हमारे, ये कैसा विकास हो रहा है, बेटियों की कोई सुरक्षा नहीं, और देश भर में बेटी बचाओ, का नारा हो रहा है...!! ~ गरिमा प्रसाद🥀 ©Garima Prasad Rape #rape #hindi_poetry #voiceAganistRape #savegirl