किताबों का ये ढेर और इनके पास ये जलती रोशनी.. कभी कभी मेरे जैसे प्रतीत होते है .. एक तरफ मैं तो एक तरफ जलतें मेरे अरमान ...!! ©Samta Shekhawat #कुछ_अनकही_बातें_