चूड़ी की खन-खन सुन ले, रुनझुन सुन ले पायल की। आंखों की मस्ती सुन ले, सूंघ ले खुशबू चंदन की। सुन ले जो ताज महल बनवाते हैं, राज्य धर्म को छोड़ कर जो जुल्फों में खो जाते हैं। जहाँ वासना नृत्य करती महलो की प्राचीन दीवार सुनो। वर्तमान कब नत मस्तक है, इन किरदारों से- इतिहास सलामी लेता बिस्मिल, राजगुरु खुद्दारों पर, जिसने दुश्मन से आंख मिला.. शमशिरें तानी होती हैं, सच्चे अर्थों में उसकी ही धन्य जवानी होती हैं।। मैं छोटा हूँ उम्र में जरा मैंने ये माना हैं, पर कुछ कहना चाहता हूँ- ज्ञान योग्य के दाता हम दुनिया के विधाता है, शिर्ष बाटते जब वो हमको विष पीना आता है, अंधे मातृ-पिता के बेटे हम ही श्रवण कुमार बने। हम प्रहलाद सी भक्ति, मीरा सा प्यार बने। सिकन्दर धूल चाटता वो पोरस का स्वाभिमान हम ही। कर्म वीर अर्जुन को मिलता गीता का वो ज्ञान हम ही। ओमकार के ओम हम ही, बुद्धम शरणम के बुद्ध हम ही। पानीपत की ताकत हम, हल्दीघाटी के युद्ध हम ही। जब हम हनुमान बनते, सूरज निगला करते हैं। जब हम महावीर बनते, हर पाप शमन कर सकते हैं। जब हम कान्हा बनते, कालिया नाग दमन कर सकते हैं। #NojotoQuote #कविता🔥