ऊपर से ये जगमगाता शहर जैसे बैतालो की बारात हो, हवाएं ऐसे लिपटें इस पहर मानो मेरे खातिर में ये तैनात हों ... मन में आते सैकड़ों ख्याल और उनमें फखत तेरे लिए जज़्बात हो, इन जज़्बातो से पीछा छुड़ा सकूं, शायद ही ऐसे हालात हो.. यही चाहत है, इक रोज़ मुकम्मल मेरे ये ख्यालात हो, अगर उनसे ना हो सकी तो, इन हवाओं से यूं ही मुलाकात हो।। ©Amardeep Jaiswal #together #Nojoto #hindi #amardeepjaiswal #Love "अब्र" 2.0 Sk Manjur