बेबसी..... 🙏🙏 कोई किस्त है जो अदा नहीं है । सांस बाकी है और हवा नहीं है ।। नसीहते सलाहे हिदायतें। तमाम पर्चियां हैं, पर दवा नहीं है।। आंख भी ढक लीजिये संग मुंह के। मंज़र सचमुच अच्छा नहीं है।। रक्त बिका पानी बिका आज बिक रही है हवा। कुदरत का ये तमाचा, बेवजह नहीं है।। हर एक शामिल हैं इस गुनाह में। क़सुर किसी एक का नहीं है।। वक्त है अब भी ठहर जाओ। अभी सब कुछ लूटा नहीं है।। जो वेल्टिनेटर पर है उन्हें सांस दे, जो संक्रमित है उन्हें स्वास्थ्य लाभ दे। जो भयभीत है उन्हें आत्मविश्वास दे, त्राहि त्राहि कर रहा मानव हैं।। मेरे ठाकुर अब तो इन्हें अपनी, अनुकम्पा का अहसास दे। मुझे तो पुरा यकीन है, कि जिसको तेरा विश्वास है। उसके तु सदा पास है।। ©Ashok Meena Ghar me raho सुरक्षित raho #COVIDVaccine