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तुम से ही तो जीवन की डोर बँधी, उठते हैं जब सुबह को

तुम से ही तो जीवन की डोर बँधी,
उठते हैं जब सुबह को सब ,
आस तुमसे ही लगी होती है..
कितनी भी उलझनें रहे ज़िन्दगी में,
मगर तुम्हारी लौ सदा रोशन रहती है,
टूट न जाना ज़िन्दगी में कभी तुम,
तुम से ही तो ये साँसें चलती हैं… नमस्कार लेखकों🌸 

आज के #rzdearcharacters में हम लेकर आये हैं #rzप्रियआखिरीउम्मीद। 

उम्मीद से बढ़कर जीने की कोई वजह नहीं होती, ऐसे में आखिरी उम्मीद वो रोशनी का सूक्ष्म निकास है जिसके सहारे हम दर्द और निराशा की गुफ़ा से बाहर निकलने का अपना रास्ता पार करते हैं।

Collab करें हमारे इस खास पोस्ट पर और अपने विचार प्रकट करें।
तुम से ही तो जीवन की डोर बँधी,
उठते हैं जब सुबह को सब ,
आस तुमसे ही लगी होती है..
कितनी भी उलझनें रहे ज़िन्दगी में,
मगर तुम्हारी लौ सदा रोशन रहती है,
टूट न जाना ज़िन्दगी में कभी तुम,
तुम से ही तो ये साँसें चलती हैं… नमस्कार लेखकों🌸 

आज के #rzdearcharacters में हम लेकर आये हैं #rzप्रियआखिरीउम्मीद। 

उम्मीद से बढ़कर जीने की कोई वजह नहीं होती, ऐसे में आखिरी उम्मीद वो रोशनी का सूक्ष्म निकास है जिसके सहारे हम दर्द और निराशा की गुफ़ा से बाहर निकलने का अपना रास्ता पार करते हैं।

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Ada

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