ब्रह्मांड गुरु तेरे चरणों मे मै बारंबारअपना शीश धरुं शेषनाग को बना के माला अपने कंठ मे है तूने डाला त्रिनेत्र वाला शंकर बाबा है बड़ा भोला भोला माँ गंगा और चंद्र को भी अपने शीश पर विराज कर डाला हे नील कंठ त्रिलोकी नाथ भस्म रमा कर देह पर अपनी तू करता हिमालय की कंदराओं मे वास ज्ञान का है तू भंडार है तू वो ज्योत जिसमे समाहित है पूरा संसार हे विश्व गुरु मेरे भोले नाथ अपने बालक का करो वंदन स्वीकार...... #अंजान... #विश्वगुरु #भोलेबाबा #अंजान.... #मेरी_डायरी... #nojoto