ना लोगो की गवाही मांगी थी औऱ ना तो गीता पर हाथ रखकर कसम खानी थी और ना ही वक़्त की पाबंदी थी औऱ ना ही कुछ माँगा था उनसे हमने इस प्यार की अदालत मे प्यार ही तो माँगा था बस हमने फिर भी हार गए हम क्युकी उन्होंने मेरे प्यार तो जाना ही नहीं बस रुला कर चली गई ।। ©Shashank Rajput #dilkiadalat