*हां* *ना* कैसी उलझन है जब कोई काम हम नहीं कर सकते फिर भी *हां* कर देते हैं, सोचो ना, हम खुद भी धोखा खाते हैं, उनको भी धोखा देते हैं, किसी को खो देने के डर से *ना* नहीं कह पाते,