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ख़्वाहिश और ज़रूरतें उम्र भर जो सोचने नहीं देती। वो

ख़्वाहिश और ज़रूरतें उम्र भर जो सोचने नहीं देती। वो ज़िन्दगी के आख़री पलों में आंसू बनकर सामने आते कि,काश कुछ अच्छे काम भी कर लिए होते।
✍️क़ाज़ी अज़मत कमाल #endlife
ख़्वाहिश और ज़रूरतें उम्र भर जो सोचने नहीं देती। वो ज़िन्दगी के आख़री पलों में आंसू बनकर सामने आते कि,काश कुछ अच्छे काम भी कर लिए होते।
✍️क़ाज़ी अज़मत कमाल #endlife