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देवी में देवी तो कहलाती हूं, पर कोख में मारी जाती

देवी

में देवी तो कहलाती हूं, पर कोख में मारी जाती हूं
मां अगर बचाती है, तब दुनिया में आती हूं।
फिर दुनिया में आते ही चैन कहा में पाती हूं
सड़कों में हर गलियों में नोच कर खायी जाती हूं।
में देवी तो कहलाती हूं पर कोख में मारी जाती हूं।
हूं तो में छोटी बच्ची पर बहुत सताई जाती हूं
सहेती हूं में जुल्म तमाम और बहोत रुलाई जाती हूं
मां अब ना मुझे बचाना तुम, न कोख से बाहर लाना तुम।
में देवी तो कहलाती हूं पर नोची खायी जाती हूं।

©maher singaniya देवी...
देवी

में देवी तो कहलाती हूं, पर कोख में मारी जाती हूं
मां अगर बचाती है, तब दुनिया में आती हूं।
फिर दुनिया में आते ही चैन कहा में पाती हूं
सड़कों में हर गलियों में नोच कर खायी जाती हूं।
में देवी तो कहलाती हूं पर कोख में मारी जाती हूं।
हूं तो में छोटी बच्ची पर बहुत सताई जाती हूं
सहेती हूं में जुल्म तमाम और बहोत रुलाई जाती हूं
मां अब ना मुझे बचाना तुम, न कोख से बाहर लाना तुम।
में देवी तो कहलाती हूं पर नोची खायी जाती हूं।

©maher singaniya देवी...