फूल नहीं जो सूख जाएँगे हम वह कली नहीं जो मुरझा जाएँगे तरु हैं हम राहों को रंगीन बनाना जिसका काम सुमन नहीं जो सुलग जाएँगे।। वृक्ष हैं हम पतझड़ भी सहेंगे। हवा से थोड़ा डगमगाएंगे टूट भी जाए टहनियां फिर भी हम मुस्कुराएंगे।। फूल नहीं जो सूख जाएं, सिर्फ खुसबू बिखेर तबाह हम न हो पाएंगे।। ©BINOदिनी #Blacktree