बस मुस्काकर रह जाते हो गुपचुप क्या कुछ सह जाते हो प्रिय! तुमको लगता है छुपता हृदय! मौन जब रह जाते हो मन की ऊष्मा और प्रकृति लेकर प्राणों में आते हो तंत्री तापित हो जाती है जब तुम बोल नहीं पाते हो मन से मुस्काओ निशदिन क्यों मुस्कयानों में छिप जाते हो #toyou#yqlove#yqsilence#yqfaith#yqdillema#yqquestions#yqcommunication