बचपन और पिटाई महीने बीत जाते हैं , साल गुजर जाता है , वृद्धाश्रम की सीढ़ियों पर , मैं तेरी राह देखती हूँ। आँचल भीग जाता है , मन खाली खाली रहता है , तू कभी नहीं आता , तेरा मनि आर्डर आता है। इस बार पैसे न भेज , तू खुद आ जा , बेटा मुझे अपने साथ , अपने ? घर लेकर जा। #BachpanAurPitaai #rishitiger #maa #loveyoumom