आसोज मास उजवाळ पख सातम शुकर वार देवल कूंखा जनमिया माँ मेहा घर अवतार ।१। मास इक्कीसां गर्भ में रह्या जग जननी पहलो नाम रिद्धू रह्यो माँ दूजो नाम करणी।२। करणी हरणी दुःख पाप माँ जग जननी जगतंब महर करजो मावड़ी थारो बाळक मैं तूं अंब।३। सुवाप धाम सुहावणो चारण किनिया जात कुळ उजाळण मावड़ी अवतरिया आवड़ मात ।४। भव दुःख सागर माँय म्हारी मझधार पड़ी है नावड़ी अंतर तणो आवाज सांभळी ले जे मावड़ी ।५। करणी करणी करता रह्यो नित उठ राखो नेम सुत 'स्वरूप' माँ यूं कहे मुझ भूल्या थे केम।६। किनियाणी किरपा करो थारो टाबर जाण 'देवल' मुख सूं दाखवे माँ महर करो महाराण ।७। श्री करणी माता 632वां जन्म दिवस