•••दिल की आवाज••• सुकु आता नहीं ना जाने चैन अब कहां है अब तो दर्द ही मंजिल है और दर्द ही रास्ता है ना रोकुगा मै अब ख़ुद को ना तुझे कुछ कहूंगा हो सकेगा मुझसे जितना मै उतना जहर पियूंगा तोड़ लूंगा हर रिश्ता मैं खुद से भी कोई नाता ना रखूंगा महज़ नाम की है जिंदगी पर मजाक से ये कम नहीं तो मैंने भी है ठनी के अब इसे मजाक में ही लूंगा कब क्या होता है यह पर ये भी तो तय नहीं और का ख्याल छोड़ो खुद के लिए भी समय नहीं कुछ ना सच है ना झूट है हर बात का एक तर्क है इसलिए समझ पता नहीं सही गलत में क्या फर्क है और लोगो को इस बात का बिल्कुल भी इल्म नहीं हर अंत अच्छा कैसे होगा ये जिंदगी कोई फिल्म नहीं उत्साह और अतिउत्साह का अंतर कोई भापता नहीं जब फस जाते है दलदल में तो मिलता कोई रास्ता नहीं इसके लिए भी तो हम खुद ही जिममेदार है हमारे सर पर जो ये पैसे का समंदर जो सवार है उतर जाता है हर कोई गहेराई नापता नहीं.... ✍️ KUMAR AMAN •••दिल की आवाज••• सुकु आता नहीं ना जाने चैन अब कहां है अब तो दर्द ही मंजिल है और दर्द ही रास्ता है ना रोकुगा मै अब ख़ुद को ना तुझे कुछ कहूंगा हो सकेगा मुझसे जितना मै उतना जहर पियूंगा तोड़ लूंगा हर रिश्ता मैं खुद से भी कोई नाता ना रखूंगा