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जो भी गम दिये जिंदगी ने समेट कर सब जेब मे रख लिए।

जो भी गम दिये जिंदगी ने समेट कर सब जेब मे रख लिए।
वो सुनती कहा हमारी हम समझा समझा थक लिए।
उन्हें इल्म था नशे खोजते है उनकी आँखों में 
मारे हया के उन्होंने पलकों से नयन ढक लिए।
मैंने सुना है मीठा खाना सुनत है 
हमने भी उनके लब चख लिए।

©Dr Ravi Lamba #hindi_poetry #hindi_shayari
जो भी गम दिये जिंदगी ने समेट कर सब जेब मे रख लिए।
वो सुनती कहा हमारी हम समझा समझा थक लिए।
उन्हें इल्म था नशे खोजते है उनकी आँखों में 
मारे हया के उन्होंने पलकों से नयन ढक लिए।
मैंने सुना है मीठा खाना सुनत है 
हमने भी उनके लब चख लिए।

©Dr Ravi Lamba #hindi_poetry #hindi_shayari
drravilamba1126

Dr Ravi Lamba

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