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White गजल मुफ़लिसी में किस्मत से रूठ जाया करते हैं

White गजल
मुफ़लिसी में किस्मत से रूठ जाया करते हैं
कच्चे मकान बारिशों में टूट जाया करते हैं

कब  तक  संभालें  रखें  वो अपने आपको
सब्र के बांध भी अक्सर फूट जाया करते हैं

दो  किनारों  को  जोड़ने  वाले पुल  अक्सर
नदी के बहाव में आकर टूट जाया करते हैं

जिनके  हाथों में  सौपी  विश्वास  की चाबी
वही  तो अपनों का घर लूट जाया करते हैं

कितनों को  बांधे रखेंगे  रिश्तों  की  डोरी में
मतलब निकलते ही पवन छूट जाया करते हैं

©kavi pawan Sen
  #rajdhani_night गजल ANOOP PANDEY Kajal Singh [ ज़िंदगी ] हिमांशी Madhu