कई जख़्म है मुझमें इन जख्मों के बहाने तो आ.. नींद नहीं आती मुझकों तू तकिये के सिरहाने तो आ.. ये जिंदगी है मुझमें या मैं ज़िन्दगी से हूं तू ये बताने तो आ चाहे किसी बहाने से आ तू हक़ अपना जताने तो आ... ©Manjul Sarkar #जख़्म #बहाना #Shades