एक पेड़ भारत नाम का, डालिया उसमें चार, (हिन्दू, मुस्लिम, सिक्खं, ईसाई) और पत्तियाँ उसमें हजार, (जैन, बौद्ध, पारसी, आदी) जड़ै उसकी इंसानियत की, हो रही उन्मादो से कमजोर जड़ै, और हम केवल डालियो और पत्तियों को सम्हालने के पीछे ही पड़े। कमजोर होती जड़ौ से जब ये पेड़ ही रह खड़ा ना पायेगा। फिर ऐसी डालीयों और पत्तियों का भला क्या काम, अब कोन इन्हें समझाएगा। मजबूत जड़ौ से ही ये पेड़ खड़ा रह पायेगा, तब जा कही ये डालिया और पत्तियां बच पाऐगा। (साभार-सिंन्टु तिवारी) #एक पेड़ भारत नाम का।