मेरा मन मेरा मन उड़ता है, नील गगन, कभी यहाँ-कभी वहाँ, जल-थल, उपवन, मेरा मन उड़ता है, नील गगन, है चंचल ये, मृग की भाँति, पलक झपकते, नाप लेता है गगन, मेरा मन उड़ता है, नील गगन, कभी यहाँ-कभी वहाँ, जल थल उपवन #कविमनीष #कविमनीष