रफ़्ता-रफ़्ता लिख रहा हूं उसको सज्दा लिख रहा हूं लोग बहुत हैं गिर्द लेकिन खुद को तन्हा लिख रहा हूं हाल अच्छा तो नहीं है तुझ को अच्छा लिख रहा हूं याद आई हैं आंखे उसकी मज़मू गहरा लिख रहा हूं भूली-बिसरी दास्तां हैं टुकड़ा-टुकड़ा लिख रहा हूं बोला चांद लिखना पूरा चेहरा तेरा लिख रहा हूं🌛 बस........ खुद को आधा लिख रहा हूं।। #inspire #someone #moon #love #Karvachouth #nightlover