मोती अनमोल हर कतरे में छिपी कितने कहानियां होता है । निकल पड़े तो,संभालने मुश्किल सा होता है ।। इंसान भूल जाता है ,भेद अपनों और गैरों में । अपने और गैरों का फर्क इन्हे पता होता है ।। समंदर से विशाल और गहरा तो नहीं होता । किसी को डुबाने को गहराई काफी होता है ।। निकल पड़े तो इंसा के गमों को धोल जाता है । स्वच्छ,पवित्र और और हल्का सा होता है ।। डूब गया "पंकज" भी इस गहराइयों में । बाहर आ पाना मुश्किल सा होता है ।। #आंसू #आंसू_और_हम #आंसू_की_बुंदे #आंसूछुपालिए #आंसू_कीमती_है #आंसू_न_बहाना #pk_pankaj