नेताओं की नौटंकी साक्षर मूर्ख हैं वो जो, अच्छे वोटर कहलाते हैं. टैक्स के लूट की चिंता न इन्हें दंगे दहलाते हैं चारा मिले जो फ़्री का तो, दमभर दुम हिलाते हैं. ऐसी भेड़ों को नेताजी! वोटर अपना बतलाते हैं. विकास के नारे दे-दे कर, विकास अपना वे करते हैं. घुमाते दूसरों पर बात, हिसाब देने से डरते हैं. ऑक्सजन को नहीं बक्शा, लोग मरते तो मरते है, ब्लैकशीप ब्लैकमार्केट कर अपना खाता भरते हैं. ©Shiv Narayan Saxena नेताओं की नौटंकी #NetaaonKiNautanki