रंगहीन दुनीया मे रंग भरते है चल आज फिर वही करते है मुश्किलो को मुश्किलो से मिलाते है चल आज उन्को ओकात दिखातै है हार को हार से जीत कर दिखाते है चल आज दुनीया को जीना सिखाते है