गैरों के दिये ज़ख्मों को अब क्या कहें हम जब अपनों के तीर लगते हैं तो ढाते हैं सितम जिनसे उम्मीद थी कि वो लगायेंगे मरहम उन्ही के तीर-ए-नीमकश से घायल हुए हैं हम #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqbhaijan #zakhm #teereneemkash