इन हाथों में ढूंढता हूं तेरी प्यार वाली लकीर.. चाहकर भी तुम मिल ना पायी फुटी थी तकदीर.. खुशी ढूंढने निकला था गमों ने जकड़ लिया ये कैसी है प्यार वाली जंजीर.. उड चुका हूं इस खुलें आसमानों में अब तो मेरा अहम ही है मेरा पीर.. http://lovesromanticshayari.in check website bfor Shayari #Wish