वो माहजबीं हुस्न की इन्तिहा से गए देख आरीफ़ कयी इमां से गए वो दशना पिन्हां था सुर्ख लबों के अन्दर हम बोसा ज़न किया हुए ज़ां से गए ©shahnawaz nazar official दशना खंजर। पिन्हां छुपा हुआ। सुर्ख लाल। बोसा ज़न चुमने वाला। #Poetry #shahnawaznazar #lovepoetry #farsicombination #shayri Sahib khan صاحب خان IshQ परस्त {Official} Manzoor Alam Dehalvi