फ़िज़ाओं में तूने आज दिलबर, जाने क्या ऐसा घोल दिया। तुझसे ही अपना इश्क़ छुपाया, और तुझको ही मैंने बोल दिया। 🌝प्रतियोगिता- 188🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"फ़िज़ा"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I