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याद है ना वो शाय जब हम पहली बार मिले थे। अरमानों क

याद है ना वो शाय
जब हम पहली बार मिले थे।
अरमानों के अनगिनत फूल
दिल में हमारे खिले थे।

वे चंद्र लम्हें यादों में बस गए
जो हमें किस्मत से मिले थे। 
प्यार की अनोखी खुशबू से
जो हमें महका रहे थे।

लब चुप थे दृग बोल रहे थे
मन के सारे भाव खोल रहे थे।
ताउम्र न भूलेगी वो शाम
जब दो दिल मिले थे।

©Nilam Agarwalla #वो_शाम
याद है ना वो शाय
जब हम पहली बार मिले थे।
अरमानों के अनगिनत फूल
दिल में हमारे खिले थे।

वे चंद्र लम्हें यादों में बस गए
जो हमें किस्मत से मिले थे। 
प्यार की अनोखी खुशबू से
जो हमें महका रहे थे।

लब चुप थे दृग बोल रहे थे
मन के सारे भाव खोल रहे थे।
ताउम्र न भूलेगी वो शाम
जब दो दिल मिले थे।

©Nilam Agarwalla #वो_शाम