कितनी मुश्किल से मिलती है रोटियां, कितना दुख देती है रोटियां.... अपनी तलाश के लिए घर-परिवार वतन से दूर कराती हैं रोटियां, भाई को भाई से, दोस्त को दोस्त से लड़वा देती है ये रोटियां, भुख मिटाने को गुलामी कराती है रोटियां, औरंगाबाद रेलवे ट्रेक पर कट गये..... मज़दूर और ज़िम्मेदार है यही रोटियां, जब भूखा हो परिवार... पास न हो रोज़गार..... तो चाँद में भी नज़र आती रोटियां।। -Rashida Khushnood घर लौटने के प्रयास में मज़दूर... महाराष्ट के औरंगाबाद में शुक्रवार सुबाह ये दुखद ट्रैन दुर्घटना हो गई। ये मज़दूर रेलवे लाइन के साथ साथ चल रहे थे,35 किलोमीटर का सफर तय कर चुके थे।मज़दूर थक कर रेलवे लाइन पर ही सो गए और मालगाड़ी की चपेट में आ गए। (हमेशा से ही गरीब मज़बूर-मज़दूर) #Aurangabad_Train_Accident #दर्दनाक_मौत #औरंगाबाद_ट्रैन_हादसा #रोटियां #मज़बूर_मज़दूर