स्वयं को भूल जाऊं क्या. ( अनुशीर्षक में पढ़ें) राणा की वीरता का गाना ना करूं तो क्या मैं सुंदरी के रंग रूप में डूब जाऊं क्या कवच ,तलवार का भी ना करु सम्मान तो क्या तुम कहो तो वीरता का पाठ भूल जाऊं क्या जो युद्ध की घड़ी में उबलता है शरीर में मां भवानी का वो रक्त भूल जाऊं क्या...