White #ख़ामोशी चीखता रहा अंतर्मन ,पर लबों की ख़ामोशी बहुत कुछ कह गई, ख़ामोश सी नज़रें मेरी,ज़माने के सारे ज़ुल्म-ओ-सितम सह गई, मेरे मन का शोर कोई सुन न पाया, होंठो की हँसी देखकर, आँखों ने चुप्पी तोड़ी तो , ये दुनिया अवाक रह गई, ख़ामोश नजरों का दर्द जहां में , कौन जान पाया है, मीठी सी मुस्कान भी मेरी , हलाहल पीकर रह गई, दिल बहुत दुखा करता है , जमाने की दोगली बातों से, मारे शर्म के ख़ामोश रही आँखे ,चुपचाप देखती रह गई, दिल की बातें जब आई जुबाँ तक , जहां भर में बातें हुईं, जो बोझ था दिल पर उतर गया, पर थोड़ी बेक़रारी रह गई, झेलते रहे नाजुक इस दिल पर, जहां भर के ज़ुल्मों सितम, अब प्रतिकार तुझे करना होगा, मेरी बरसती आँखे कह गई, -पूनम आत्रेय ©poonam atrey #लबोंकीख़ामोशी #पूनमकीकलमसे #नोजोटोहिंदी अदनासा- हिंदी कविता कविता कोश