सूरज डूबा है, रात अभी बाकी हैं ए ज़िन्दगी ! तेरा हिसाब बाकी है गुज़रे लम्हे लौट कर आए ना कभी दिल में उनकी 'याद' अभी बाकी है आहिस्ता-आहिस्ता गूजर रात यूँ गुफ़्तगू तो कर, बात अभी बाकी है सुन अफ़साना मेरी मोहब्बत का तू कि अभी एहसास 'दर्द' का बाकी है क़ायनात से मिली एक सौगात है ये वक़्त बर्बाद ना कर कहानी बाकी है गोर फरमा मेरे हर इशारों पर 'प्रेम' कि अभी यूँ इश्क़ का जाम बाकी है कवि सम्मेलन-भाग 2 रचना:_ प्रथम "रात अभी बाकी है" #collabwithकोराकाग़ज़ #kkकविसम्मेलन #kkकविसम्मेलन2 #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #kk_krishna_prem