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जब से गया वो दिल नाशाद रहता है पागल परेशान उसकी फ़ि

जब से गया वो दिल नाशाद रहता है
पागल परेशान उसकी फ़िक्र में रहता है।

कोशिशें हजार की लाख भूलाना चाहा 
मगर वो मोहब्बत के हर ज़िक्र में रहता है।

वो ठहरा है मेरी पलकों में आँसू बनकर
जैसे समंदर का नमकीन पानी अब्र में रहता है।

छलक ही जाता है वक़्त बेवक़्त...दर्द 
इश्क़ में लाचार दिल कितना सब्र में रहता है..?

सोचती हूँ दूँ...उस कमबख़्त!को बद्दुआएँ 
जाने क्यूँ उसका नाम मेरी हर फ़ज़्र में रहता है। जब से गया वो दिल नाशाद रहता है
पागल परेशान उसकी फ़िक्र में रहता है।

कोशिशें हजार की लाख भूलाना चाहा 
मगर वो मोहब्बत के हर ज़िक्र में रहता है।

वो ठहरा है मेरी पलकों में आँसू बनकर
जैसे समंदर का नमकीन पानी अब्र में रहता है।
जब से गया वो दिल नाशाद रहता है
पागल परेशान उसकी फ़िक्र में रहता है।

कोशिशें हजार की लाख भूलाना चाहा 
मगर वो मोहब्बत के हर ज़िक्र में रहता है।

वो ठहरा है मेरी पलकों में आँसू बनकर
जैसे समंदर का नमकीन पानी अब्र में रहता है।

छलक ही जाता है वक़्त बेवक़्त...दर्द 
इश्क़ में लाचार दिल कितना सब्र में रहता है..?

सोचती हूँ दूँ...उस कमबख़्त!को बद्दुआएँ 
जाने क्यूँ उसका नाम मेरी हर फ़ज़्र में रहता है। जब से गया वो दिल नाशाद रहता है
पागल परेशान उसकी फ़िक्र में रहता है।

कोशिशें हजार की लाख भूलाना चाहा 
मगर वो मोहब्बत के हर ज़िक्र में रहता है।

वो ठहरा है मेरी पलकों में आँसू बनकर
जैसे समंदर का नमकीन पानी अब्र में रहता है।
anitasaini9794

Anita Saini

Bronze Star
New Creator