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बुझने लगी हो आँखें तेरी, चाहे थमने लगे रफ़्तार, उखड़

बुझने लगी हो आँखें तेरी, चाहे थमने लगे रफ़्तार,
उखड़ने लगी हो साँसे तेरी, दिल करता हो चित्कार,
दोष विधाता को ना देना, बस मन में रखना तुम अपने आस,
विजयी बनता है वही, जिसके पास हो आत्मविश्वास !!

©Mk bagri #Mk #Bahri

#reading  harshi __Anika__ Writer_A.R Satyam Tyagi indu singh
बुझने लगी हो आँखें तेरी, चाहे थमने लगे रफ़्तार,
उखड़ने लगी हो साँसे तेरी, दिल करता हो चित्कार,
दोष विधाता को ना देना, बस मन में रखना तुम अपने आस,
विजयी बनता है वही, जिसके पास हो आत्मविश्वास !!

©Mk bagri #Mk #Bahri

#reading  harshi __Anika__ Writer_A.R Satyam Tyagi indu singh
dhonidhoni2975

Mk Bagri

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