बुझने लगी हो आँखें तेरी, चाहे थमने लगे रफ़्तार, उखड़ने लगी हो साँसे तेरी, दिल करता हो चित्कार, दोष विधाता को ना देना, बस मन में रखना तुम अपने आस, विजयी बनता है वही, जिसके पास हो आत्मविश्वास !! ©Mk bagri #Mk #Bahri #reading